[ पूरी जानकारी ] कौन थे चिपको आंदोलन के नेता सुंदरलाल बहुगुणा | Sunderlal Bahuguna Biography in Hindi

सुंदरलाल बहुगुणा का कोरोना संक्रमण के कारण निधन हो गया। सुंदरलाल बहुगुणा चिपको आंदोलन के नेता थे। कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद वे ऋषिकेश एम्स में भर्ती थे। ऋषिकेश एम्स प्रशासन ने उनके निधन की पुष्टि की है। सुंदरलाल बहुगुणा का 93 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है।

सुंदरलाल बहुगुणा के बारे में

सुंदरलाल बहुगुणा का कोरोना संक्रमण के कारण निधन हो गया। सुंदरलाल बहुगुणा चिपको आंदोलन के नेता थे। कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद वे ऋषिकेश एम्स में भर्ती थे। ऋषिकेश एम्स प्रशासन ने उनके निधन की पुष्टि की है। सुंदरलाल बहुगुणा का 93 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है।

कोरोना से संक्रमित होने के बाद उन्हें 8 मई को एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था। ऑक्सीजन स्तर कम होने के कारण उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई थी । चिकित्सकों की पूरी कोशिश के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका । उनके परिवार में पत्नी विमला, दो पुत्र और एक पुत्री है ।

बायोग्राफी | जीवनी | विकिपीडिया

पूरा नाम सुंदरलाल बहुगुणा
जन्म 9 जनवरी, 1927
जन्म स्थान जिला टिहरी गढ़वाल, उत्तराखण्ड
मृत्यु 21 मई 2021
उम्र 93 वर्ष
राष्ट्रीयता भारतीय
पहचान चिपको आंदोलन के नेता
परिवार पत्नी विमला, दो पुत्र और एक पुत्री
भाषा हिन्दी

चिपको आंदोलन और सुंदरलाल बहुगुणा

सुंदरलाल बहुगुणा को चिपको आंदोलन का प्रणेता माना जाता है । उन्होंने सत्तर के दशक में गौरा देवी तथा कई अन्य लोगों के साथ मिलकर जंगल बचाने के लिए चिपको आंदोलन की शुरूआत की थी । उन्हें पद्मविभूषण तथा कई अन्य पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया। बहुगुणा ने टिहरी बांध निर्माण का भी बढ़-चढ़ कर विरोध किया और 84 दिन लंबा अनशन भी रखा था । बताया जाता है कि एक घटना के कारण एक बार उन्होंने विरोध स्वरूप अपना सिर भी मुंडवा लिया था ।

टिहरी बांध के निर्माण के आखिरी चरण तक उनका विरोध जारी रहा । उनका अपना घर भी टिहरी बांध के जलाशय में डूब गया था। टिहरी राजशाही का भी उन्होंने कडा विरोध किया जिसके लिए उन्हें जेल भी जाना पडा ।

वास्तविक घटनाक्रम

पर्यावरण के प्रति लगाव बहुत ही कम व्यक्तियों में देखा जाता है जैसा कि सुंदरलाल बहुगुणा था विश्व को पर्यावरण का नया दर्शन दिया
स्वर्गीय बहुगुणा को दुनियाभर में वनों और खास कर पर्यावरण के प्रति काफी लगाव था। उनको चेतना जागाने वाली महान हस्ती माना जाता है। शुरू में उन्होंने वन श्रमिकों के पक्ष में गैरगढ़ वन क्षेत्र में शस्त्र पूजा भी की, लेकिन बाद में उनको वृक्षों के प्रति इतना मोह जागा कि वह वृक्ष मानव ही बन गए।

निधन

चिपको आंदोलन के नेता सुंदरलाल बहुगुणा का निधन कोरोना के कारण 21 मई 2021 को हो गया है। वे 93 वर्ष के थे।

Sunderlal Bahuguna Biography in Hindi
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